"मृत्यु जीवन का अंत नहीं, प्रेम और संस्कारों की अमर यात्रा है
आज हमारे हृदय गहन दुःख और अथाह शून्यता से भरे हुए हैं। नए साल के दिन, जब पूरी दुनिया नए सपनों का जश्न मना रही थी, हमने अपनी प्यारी माताजी को ईश्वर के चरणों में विदा किया। उनका 58 वर्ष का जीवन हम सभी के लिए प्रेम, त्याग, और करुणा की एक जीती-जागती मिसाल था।
माताजी ने हर पल हमें सिखाया कि परिवार की खुशी ही सच्चा धन होती है। उनकी मुस्कान, उनकी सादगी, और उनका अपनापन हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा। यह समय हमारे लिए अकथनीय पीड़ा लेकर आया है, लेकिन हमें विश्वास है कि उनकी आत्मा अब ईश्वर के साथ है, जहाँ उन्हें अनंत शांति और प्रेम मिलेगा।
हम सभी से प्रार्थना करते हैं कि आप उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। यही हमारे लिए सबसे बड़ी सांत्वना होगी।
*"मृत्यु जीवन का अंत नहीं, प्रेम और संस्कारों की अमर यात्रा है।
माताजी सदैव हमारे साथ रहेंगी... ॐ शांति।"*
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